Thursday, July 20, 2023

वीडियो जनित संवेदना

वीडियो जनित संवेदना

साधुरामजी क्षुब्ध थे। आते ही बोले, मणिपुर की शर्मनाक घटना का वीडियो आज ही आना था क्या? यह सब षड्यंत्र है। देश विरोधी ताकतें ऐसे मौकों का इंतजार करती रहती हैं,जब हमारी संसद या विधान सभा का सत्र शुरू होता है तब ही ये लोग ऐसी हरकतें करते हैं। हमारे देश और प्रजातंत्र को बदनाम करने का शर्मनाक तरीका है यह।

लेकिन साधुरामजी मणिपुर तो कई महीनों से जल रहा है। इंटरनेट भी बंद हैं। खुद वहां के मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसी अनेक घटनाएं हुईं हैं, जिन पर जल्दी ही सख्त कदम उठाए जाएंगे। अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। मैने कहा।

राज्य ने केंद्र को खबर देने में लगता है विलंब कर दिया। वो तो अच्छा हुआ कहीं से यह वीडियो देश के लोगों तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर सरकारों से अपनी ओर से जवाब तलब किया। तब जाकर...। मैं अपनी बात पूरी करता उसके पहले ही साधुरामजी बोल पड़े...

सच कहा आपने। पीएम भी इस अप्रत्याशित घटना और आकस्मिक सूचना से कितने दुखी हो उठे हैं। घटना घटते ही खबर मिल जाती तो अब तक तो अपराधी फांसी पर झूल रहे होते।

लेकिन गृह विभाग की अपनी भी प्रणाली होती है, गुप्तचर होते हैं,एजेंसियां होती हैं जो गृहमंत्रालय को सचेत कर सकती थीं। मैने बात आगे बढ़ाई।

वो सब तो ठीक है,पर वीडियो कहां आया था अब तक। वीडियो आना जरूरी है। संवेदना और चेतना तभी जागृत हो पाती है जब वीडियो आता है। 

यह ग्लोबल विश्व का डिजिटल भारत है, बिना वीडियो साक्ष्य के कार्यवाही आगे नहीं बढ़ती। महिला पहलवान भी वीडियो नहीं दे पाए थे तो न्याय में विलंब होता गया। कोई वीडियो आता है तभी माहौल बनता है, चेतना जागृत होती है,क्षोभ या गौरव का भाव स्खलित होने की स्थितियां निर्मित हो पाती हैं। किसी वायरल वीडियो से ही पता चलता है कि हम तरक्की कर रहे हैं, सम्मानित हो रहे हैं,विश्व में हमारा डंका बज रहा है। वीडियो आता है तभी पता चलता है कि बाहर के मुल्कों में किस तरह कुछ लोग हमें बदनाम कर रहे हैं। साधुरामजी ने स्पष्ट किया।

ये बात तो ठीक कही आपने। कुछ समय पहले एक मुख्यमंत्री ने भी भ्रष्टाचार रोकने के उपाय करते हुए अपने नागरिकों से कहा था, आप लोग रिश्वत मांगने वाले व्यक्ति को रिश्वत दे दें लेकिन उसका वीडियो बनाकर मुझे भेज दें। हम कारवाही करेंगें। मैने ज्ञान बघारा।

तो क्या वह प्रदेश अब भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है? साधुरामजी ने जिज्ञासा व्यक्त की। 

पता नहीं! फिलहाल तो वहां के मंत्रीगण ही भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं और किसी वीडियो के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि आरोप से मुक्त हो सकें। 

लेकिन यह जरूरी तो नहीं कि कोई वीडियो सच्चा ही होगा। आजकल तो तकनीक इतनी आगे बढ़ गई है कि साधुरामजी के चेहरे पर किंग चार्ल्स की मुंडी चिपकाई जा सकती है। किसी की आवाज में अमिताभ बच्चन की खनक पैदा की जा सकती है। सुपर स्टार राजेश खन्ना की कही बात ही ठीक लगती है, दिल सच्चा और चेहरा झूठा!  मैने चुहुल की।

झूठ के बहुत सारे गवाह और सच के साक्ष्य भले ही कम ही क्यों न हों लेकिन न्यायमूर्ति की अदालत में सच्चाई आज भी प्रायः सामने आ ही जाती है, वीडियो उपलब्ध हो या न हो।  वे बोले।

पर यह तो तय है कि नींद उड़ाने के लिए वीडियो बहुत जरूरी होता है। मैने कहा। लेकिन ऐन संसद सत्र के शुरू होते ही वीडियो का आना तो निश्चित ही कोई षडयंत्र होगा। साधुरामजी बात पर अब भी दृढ़ थे।

जो भी हो मैं तो बिग बी साहब की बात पर विश्वास करता हूं जो उन्होंने त्रिशूल फिल्म में कहे थे, कोई चीज सही वक्त और सही मौके पर की जाए तो उसकी बात ही कुछ और होती है। उसका असर होता है। किसी को इसी मौके और वक्त का इंतजार रहा होगा साधुरामजी! मैने कहा तो वे खिन्न हो गए।

ब्रजेश कानूनगो  



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