व्यंग्य
आर्थिक शुभेच्छा !
ब्रजेश कानूनगो
ब्रजेश कानूनगो
आमतौर पर हम लोगों में विनम्रता और सद्भाव जैसे गुण कूट कूट कर वैसे
ही भरे होते हैं जैसे गजक में गुड़ समाया होता है। तिल्ली के साथ गुड़ की कुटाई से
गजक जैसी लोकप्रिय और गुणकारी मिठाई बनती है। बचपन में मन और देह
के साथ सद्गुणों की कुटाई करके गुरूजी हमारा गुणी व्यक्तित्व बनाने के प्रयास किया
करते थे। हालांकि उस पिटाई से मन पर कम और देह पर चोट ज्यादा लगती थी, फिर भी उसका खासा असर सिर की तेल मालिश की तरह भीतर तक हो जाता था।
इस प्रक्रिया में विनम्रता और सद्भाव जैसे गुणों की चाशनी स्वभाव में उसी तरह सहज बनती चली जाती थी, जैसे मुंह में लार बनती है। यह तो सभी भली प्रकार जानते हैं कि हमारी लार शरीर की कई बीमारियों को हर लेने की असीमित क्षमता रखती है. आयुर्वेदाचार्य सुबह उठते ही बासी मुंह दो गिलास पानी लार सहित पी जाने का परामर्श देते हैं। इसी तरह विनम्रता और सद्भाव की चाशनी भी लार की तरह काम करती है, जीवन में अनेक समस्याओं और कठिनाइयों से निपटने में इस दवाई का भी बड़ा योगदान होता है।
जीवन को सुगम बनाने की खातिर लोग एक दूसरे के प्रति भरपूर सद्भावनाएँ
व्यक्त करते हैं। हर प्रसंग जैसे शुभेच्छाओं की बाढ़ लेकर आता है। सुख का प्रसंग हो
या दुःख की घड़ी हो।खुशियों में शुभेच्छाओं के फटाके फूटते हैं और शोक में
संवेदनाओं का मरहम घावों को सुखाने में तुरंत बहुतायत से जुट जाता है।
यह मात्र औपचारिक रस्म नहीं होती है। ये हार्दिक होती हैं और सदैव
हृदय से निकलकर आती हैं। किसी किसी के लिए तो यह अंतरतम की गहराइयों से बोरिंग के पानी
की तरह फूटकर बहुत वेग से बाहर आती हैं।
कोई दिल से तो कोई मन से, और कोई तो कई कई बार हृदय से शुभेच्छा व्यक्त
करता है। उसका एक हार्दिक से काम नहीं चलता, व्याकरण और भाषाई
अनुशासन का दिल पे क्या लगाम। 'हार्दिक' गुणित में निकलकर दो-दो
बार ह्रदय को निचोड़ देता है। संवेदनाएं भी हृदय से निकलकर अश्रुपूरित होकर भीग
जाती हैं। यह होता है विनम्रता, सद्भाव ,संवेदनाओं और
शुभेच्छाओं की अभिव्यक्ति का शानदार जलवा।
न जाने क्यों इन दिनों ऐसा लगता है कि भीतर कोई केमिकल लोचा हो गया है।
जब भी कोई कहता है-'हार्दिक शुभेच्छा' कान कुछ और रिपोर्ट करते हैं, दिमाग का रिसीवर
सुनता है -'आर्थिक शुभेच्छा!'
अब क्या कहा जाए सिवाय इसके कि हमारी ओर से भी आपको 'अश्रुपूरित आर्थिक संवेदनाएं' ।
अब क्या कहा जाए सिवाय इसके कि हमारी ओर से भी आपको 'अश्रुपूरित आर्थिक संवेदनाएं' ।
ब्रजेश कानूनगो
503,गोयल रीजेंसी,चमेली पार्क,कनाड़िया रोड, इंदौर - 452018
503,गोयल रीजेंसी,चमेली पार्क,कनाड़िया रोड, इंदौर - 452018
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