व्यंग्य
काले रंग के पक्ष में
ब्रजेश कानूनगो
काले रंग में महानता छिपी होती है.
बल्कि यों कहा जाए महानता काले रंग में ही अधिक खिलती है हमारे ग्रंथों में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं मिलता कि हमारी आदर्श
विभूतियों ने कभी अपने काले होने का दुःख व्यक्त किया हो. महानता के रंग का
काले रंग के साथ अद्भुत संयोग होता है. पीले सिंह पर महाकाली, सफ़ेद हिमालय पर विराजमान काले शिव और गले में काला नाग,काले चूहे पर बुद्धि के देवता काले हाथी का मस्तक धारण किए गजानन. 'काली-काली अंखियों ने ऐसा जादू डाला, बन गया
काला नंदलाला.' कजरारी आँखों का अनोखा चमत्कार,जिससे 'माधव' कृष्ण
बन जाते हैं.न जाने क्यों जब भी किसी पर स्याही उंढेल दी जाती है , बवाल खडा हो जाता है. होली खेलने में भी काले रंग से ऐसे बचते हैं जैसे
कोई तेज़ाब लगाने चला आ रहा हो. रंग तो रंग होते हैं. क्या लाल, हरा, सफ़ेद या काला. लोगों को आखिर काले रंग से
इतनी चिढ क्यों होती है, मैं आज तक नहीं समझ पाया हूँ.
अब देखिये! गाय काली हो, लाल हो या सफेद वह दूध तो सफेद ही देती है। भैंस का रंग भी यदि बदल
जाए तो क्या हम घी और दही से परहेज करने लगेंगे। इसी तरह धन भी बस धन होता
है वह काला हो या सफेद क्या फर्क पडने वाला है। यह कैसा रंग भेद? जीवन में सुख –दुःख का एक साथ अस्तित्व होता है ,दुःख नहीं होगा तो सुख का आनंद दुर्लभ हो जाएगा उसी तरह काले के बगैर उजले या किसी अन्य रंग के
अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. काला
रंग अन्य रंगों के सौंदर्य का आधार है. आकाश काला होगा तभी तो सितारों का संसार
झिलमिला सकेगा. काली रात ही है जिसके कारण चाँद और चांदनी का अस्तित्व है.
काले रंग से प्रभावित नायक गा रहा है-'गोरे
रंग पे इतना न गुमान कर गोरा रंग दो दिन में झर जाएगा.' उधर नायिका काले रंग की महिमा का बखान करते हुए गा रही है-'मोरा गोरा रंग लइले ,मोहे श्याम रंग दइदे .' अहा! कितना मर्मस्पर्शी अहसास है.
जहाँ सफ़ेद हाथी से काला हाथी अधिक
विश्वसनीय और ईमानदार होता है,वहीं सफ़ेद कबूतर की गुटुर गूं से काली
कोयल की कुहुक कानों में मिश्री घोल देती है. श्वेत क्रान्ति का नारा खोखला है जब
तक कि उसमे दूध की धारा प्रवाहित करनेवाली काली भैसों का योगदान न रहे.
किसी से अब यह भी छुपा नहीं रह गया है
कि समृद्धि काले दरवाजों से ही गृह प्रवेश करती है. लोकायुक्त के छापों और
न्यायपालिका की फटकारों से यह सच्चाई सिद्ध भी हो चुकी है. यह अलग बात है कि न जाने किस काले जादू के कारण कुबेरों की खाता सूची
से कई नाम अन्धेरों में विलुप्त हो जाते हैं या उनका वहाँ होने का कोई अर्थ ही नही
रह जाता है. काले की माया और महिमा अद्भुत होती है.
बहरहाल ,काले रंग के
प्रति जो काला पर्दा हमारी आँखों पर पड़ा हुआ है, इसे
हटाना चाहिए . काले रंग को किसी भी तरह अशुभ या असुंदर नहीं समझा जाना चाहिए. क्या
प्रेयसी के बालों में लगा सफ़ेद फूल कभी सफ़ेद बालों में दिखाई दे सकेगा ? क्या सफ़ेद जुल्फें लहराएंगी तो सावन का महीना आ सकेगा ? काली घटाएं नहीं घिरने पर विरह की व्यथा और इंतज़ार की टीस कैसे अनुभव की
जा सकती है. सच तो यह है कि दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण रंग है तो वह शायद काला ही
है. हर रंग पर काला रंग, रंग जमा लेता है. इसे किसी के
अपमान से जोड़ा जाना भी ठीक नहीं लगता. तो आइये एक काला टीका हमारी ओर से भी लगा
लीजिये इस होली पर. सच मानिए आपकी मस्ती और खुशियों पर किसी की बुरी नजर भी प्रभाव
नहीं डाल पाएगी.
ब्रजेश कानूनगो
बढिया
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